Cashew यदि आप भी करना चाहते है लाखो की कमाई करना तो शुरू करे काजू की खेती जाने क्या है तरीका
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मार्केट में ड्राई फ्रूट की काफी डिमांड हैं ज्यादातर लोग त्योहार में बाजार की मिठाई की जगह पर अपने रिश्तेदारों को उपहार में ड्राई फ्रूट ही देना चाहते है हमारे देश के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से ड्राई फ्रूट में सबसे अधिक खाए जाने काजू की खेती की जानकारी आपको दे रहे हैं
काजू लगाने के लिए खेत को तैयार करना
आज हम आपको काजू की खेती के बारे में बताएंगे काजू लगाने के लिए खेत को तैयार किया जाता हैं ट्रैक्टर से कल्टीवेटर करना चाहिए इसके बाद पता लगाकर खेत को समतल करना चाहिए जिससे नये पौधो की पनपने में कोई कठिनाई न हो इस बात का ध्यान देना चाहिए खेत में किसी प्रकार की खरपतवार नहीं होनी चाहिए
काजू की खेती के लिए गड्ढे तैयार करना
काजू के पौधे लगाने के लिए गड्ढो को 15 – 20 दिन तक खुला छोड़ने के बाद 5 कि.ग्रा. गोबर का खाद या कम्पोस्ट ,2 कि.ग्रा. रॉक फॉस्फेट या डीएपी के मिश्रण को गड्ढे की ऊपरी मिट्टी में मिलाकर भर देना चाहिए। गड्ढे के आसपास ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए वहां पानी इकट्ठा नहीं हैं पौधो की दुरी 5×5 या 4×4 मी रखनी चाहिए।
काजू का पौधारोपण करना
काजू के पौधे को वर्षा ऋतू में लगाते हैं और समय -समय पर निदाई गुड़ाई करना चाहिए पौधे की देख रेख करना चाहिए समय -समय पर खाद देना चाहिए
काजू का पौधा कैसा होता है
आज हम आपको बताएंगे काजू का पौधा कैसा होता हैं काजू की उत्पत्ति ब्राजील से हुई है आजकल इसकी खेती दुनिया के अधिकांश देशो में की जाती हैं काजू का पेड़ 13 -14 मीटर तक बढ़ता हैं काजू की बोनी कल्टीवर प्रजाति जो 6 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता हैं , जल्दी तैयार होने और ज्यादा उपज देने की वजह से बहुत फायदेमंद साबित हो सकता हैं काजू के पौधरोपण के तीन साल बाद फूल आने लगता हैं उसके दो महीने के अंदर पक कर तैयार हो जाता हैं
खाद और उर्वरक
काजू के पौधे को हर साल 10 या 15 कि.ग्रा.गोबर का खाद देना चाहिए प्रथम वर्ष में 300 ग्राम यूरिया, 200 ग्राम रॉक फास्फेट, 70 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति पौधा की दर से देनी चाहिए। वहीं दूसरे वर्ष इसकी मात्रा दुगुनी कर देनी चाहिए तथा तीसरे वर्ष के बाद पौधों को 1 कि.ग्रा. यूरिया, 600 ग्रा. रॉक फास्फेट एवं 200 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति वर्ष मई-जून और सितंबर-अक्टूबर के महीनों में आधा-आधा बांटकर देना चाहिए इससे पौधे अच्छे रहते हैं
फसल को तोडना और प्राप्त करना
काजू को पूरा नहीं तोडा जो काजू पके हुए रहते है वही निचे गिरते है इसे धुप में सूखाते हैं और सुखाकर बोरी में भरकर ऊंचे जगह पर रखा जाता है इस प्रकार एक हेक्टेयर में लगभग 10-15 क्विंटल काजू ने नट प्राप्त होते है। जिनको प्रसंस्करण के बाद खाने योग्य काजू प्राप्त होता है।
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